खाटू श्याम की सबसे प्राचीन स्तुति - Khatu Shyam Stuti, श्याम बाबा की यह स्तुति श्याम भक्तों द्वारा अपनी भक्ति प्रकट करने के लिए गाई जाती है।
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श्याम स्तुति, श्याम बाबा की आरती का ही दूसरा रूप है। श्याम बाबा की आरती की तरह श्याम स्तुति का भी बड़ा महत्व है।
सच्चे मन से बाबा श्याम की स्तुति गाने से मनमाफिक फल की प्राप्ति होती है। जब भी आप श्यामजी की पूजा करें तो यह स्तुति जरूर गायें।
श्याम बाबा की स्तुति जिस घर में रोज सुबह और शाम दोनों समय गाई और सुनी जाती है उस घर पर बाबा श्याम का आशीर्वाद बना रहता है। यहाँ ना तो कभी धन दौलत की कमी नहीं होती है और ना ही कोई कष्ट आते हैं।
आगे दी गई स्तुति संभवतः सबसे पुरानी श्याम स्तुति है। यह प्रामाणिक स्तुति प्रसिद्ध इतिहासकार पंडित झाबरमल्ल शर्मा ने अपनी किताब "खाटू श्यामजी का इतिहास" में भी संकलित की है।
खाटू श्याम जी की स्तुति हिंदी लिरिक्स, Khatu Shyam Ji Ki Stuti Hindi Lyrics
ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे,
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे,
ॐ जय श्री श्याम हरे...
रत्न जड़ित सिंहासन, सिर पर मुकुट धरे,
पीत बसन पीताम्बर, कुंडल श्रवण परे,
ॐ जय श्री श्याम हरे...
गल पुष्पों की माला, सिर पर चँवर ढुरे,
खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जरे,
ॐ जय श्री श्याम हरे...
मोदक खीर चूरमा, सोवे थाल भरे,
सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे,
ॐ जय श्री श्याम हरे...
झाँझ मृदंग घड़ावल, शंख मृदंग धरे,
भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे,
ॐ जय श्री श्याम हरे...
श्याम बहादुर जी की आरती, जो कोई गावे,
दुख-दरिद्र नसावै, सुख संपत्ति पावे,
ॐ जय श्री श्याम हरे...
जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे,
सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम रट रे,
ॐ जय श्री श्याम हरे...
नोट: उपरोक्त श्री श्याम स्तुति, प्रसिद्ध इतिहासकार पंडित झाबरमल्ल शर्मा की किताब "खाटू श्यामजी का इतिहास" से ली गई है।
लेखक (Writer)
रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}
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डिस्क्लेमर (Disclaimer)
इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
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