मेवाड़ की रक्षा के लिए बना ये मंदिर - Baijnath Mahadev Mandir Udaipur

Baijnath Mahadev Mandir Udaipur, इसमें उदयपुर के सीसारमा में मेवाड़ को महामारी से बचाने के लिए बनाए गए बैजनाथ महादेव मंदिर की जानकारी दी गई है।

Baijnath Mahadev Mandir Udaipur

आज हम आपको 300 साल से भी ज्यादा पुराने भोलेनाथ के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो जनता को महामारी के प्रकोप से बचाने के लिए बनवाया गया था।

दरअसल सन 1716-17 में देश में एक महामारी फैली हुई थी जिसकी चपेट में आकर काफी लोग मर रहे थे। मेवाड़ में भी इस महामारी का भारी प्रकोप था।

मेवाड़ की जनता को इस महामारी से बचाने के लिए मेवाड़ की राजमाता ने इस शिव मंदिर को बनवाकर सोने का तुलादान किया था।

उदयपुर में पिछोला झील के पास सीसारमा नदी के किनारे पर मौजूद इस मंदिर के शिलालेखों के अनुसार मेवाड़ के महाराणा संग्राम सिंह द्वितीय की शिवभक्त माताजी राजमाता देवकुमारिका या देवकुँवरी ने सन् 1716 (विक्रम संवत 1772) में इस शिव मंदिर का निर्माण करवाया था।

राजमाता ने यह मंदिर भोलेनाथ से प्रजा के अच्छे स्वास्थ्य की मनोकामना के लिए बनवाया था जिसे वैधनाथ या बैजनाथ महादेव के नाम से जाना जाता है।

राजमाता देव कुंवरी बेदला के राव सबल सिंह चौहान की पुत्री और महाराणा अमर सिंह द्वितीय की पत्नी थी। मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में कोटा और डूंगरपुर के राजाओं सहित कई प्रभावशाली लोग शामिल हुए थे।

अगर महामारी के बारे में बात करें तो भारत में इसका 100 साल में रिपीट होने का अजीब सा संयोग है। दरअसल अभी हमने जिस महामारी के बारे में बात की वो 1717 में आई थी, इसके बाद ये 1818 में, फिर 1919 में और अभी हाल ही में 2020 में कोरोना के रूप में आई है।

परिसर में यह मंदिर शिव पंचायतन शैली में बना हुआ है जिसके चारों तरफ छोटे-छोटे मंदिर बने हैं जिनमें गणेशजी, ब्रह्माजी आदि विराजित हैं। मंदिर के सामने एक छतरी में नंदी विराजमान है।

नंदी के पास एक कुंड है जिसके आगे सुन्दर तोरण द्वार बना हुआ है। कुंड के पास बजरंगबली विराजमान हैं। मंदिर में प्राचीन यज्ञ वेदी भी मौजूद है।


मंदिर के अंदर और बाहर भोलेनाथ के अलग-अलग रूपों की सुन्दर प्रतिमाएँ मौजूद हैं। स्तम्भों पर मौजूद भव्य सभामंडप के पास गर्भगृह में बैजनाथ महादेव विराजमान हैं।

मंदिर में कुछ शिलालेख लगे हैं जिनमें काले पत्थर का शिलालेख सभामंडप में और दूसरे शिलालेख मंदिर के बाहर नंदी की छतरी के पास है।

बैजनाथ महादेव मंदिर की दूरी उदयपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 8 किलोमीटर है और आप यहाँ पर अपनी कार या बाइक से जा सकते हैं।

बैजनाथ महादेव मंदिर की मैप लोकेशन - Map location of Baijnath Mahadev Temple Udaipur



बैजनाथ महादेव मंदिर का वीडियो - Video of Baijnath Mahadev Temple Udaipur



डिस्क्लेमर (Disclaimer)

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Ramesh Sharma

नमस्ते! मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ और मेरी शैक्षिक योग्यता में M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS शामिल हैं। मुझे भारत की ऐतिहासिक धरोहरों और धार्मिक स्थलों को करीब से देखना, उनके पीछे छिपी कहानियों को जानना और प्रकृति की गोद में समय बिताना बेहद पसंद है। चाहे वह किला हो, महल, मंदिर, बावड़ी, छतरी, नदी, झरना, पहाड़ या झील, हर जगह मेरे लिए इतिहास और आस्था का अनमोल संगम है। इतिहास का विद्यार्थी होने की वजह से प्राचीन धरोहरों, स्थानीय संस्कृति और इतिहास के रहस्यों में मेरी गहरी रुचि है। मुझे खास आनंद तब आता है जब मैं कलियुग के देवता बाबा खाटू श्याम और उनकी पावन नगरी खाटू धाम से जुड़ी ज्ञानवर्धक और उपयोगी जानकारियाँ लोगों तक पहुँचा पाता हूँ। इसके साथ मुझे अलग-अलग एरिया के लोगों से मिलकर उनके जीवन, रहन-सहन, खान-पान, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानना भी अच्छा लगता है। साथ ही मैं कई विषयों के ऊपर कविताएँ भी लिखने का शौकीन हूँ। एक फार्मासिस्ट होने के नाते मुझे रोग, दवाइयाँ, जीवनशैली और हेल्थकेयर से संबंधित विषयों की भी अच्छी जानकारी है। अपनी शिक्षा और रुचियों से अर्जित ज्ञान को मैं ब्लॉग आर्टिकल्स और वीडियो के माध्यम से आप सभी तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 📩 किसी भी जानकारी या संपर्क के लिए आप मुझे यहाँ लिख

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