सालासर में इनके बिना अधूरे हैं बालाजी के दर्शन - Anjani Mata Mandir Salasar Balaji

Anjani Mata Mandir Salasar Balaji, इसमें चूरू के सालासर में मौजूद बालाजी की माता अंजनी माता के चमत्कारी मंदिर के बारे में पूरी जानकारी दी गई है।

Anjani Mata Mandir Salasar Balaji

सालासर धाम की महिमा अपरम्पार है। यहाँ पर बालाजी का विख्यात मंदिर है जिसमें रामभक्त हनुमान साक्षात विराजते हैं। इस मंदिर में बालाजी के दर्शन करने से सभी इच्छित मनोकामनाएँ पूर्ण हो जाती है।

सालासर में बालाजी के मंदिर के अतिरिक्त एक और ऐसा मंदिर है जिसमें जाने पर बालाजी का आशीर्वाद और बढ़ जाता है। कहा जाता है कि इस मंदिर में गए बिना बालाजी के दर्शन पूर्ण नहीं होते हैं। यह मंदिर है अंजनी माता का मंदिर।

अंजनी माता का मंदिर लक्षमणगढ़ रोड पर स्थित है जिसकी दूरी बालाजी के मंदिर से लगभग दो किलोमीटर है। पुराने समय पर यह जूलियासर मार्ग कहलाता था और यहाँ पर एक तलाई स्थित थी।

अंजनी माता का मंदिर बाहर से साधारण लेकिन अन्दर से भव्यता लिए हुए है। मंदिर में माँ की चतुर्भुजी आदमकद मूर्ति स्थापित है जिसमें माता शंख और सुहाग-कलश धारण किए हुए है। साथ ही हनुमानजी अपने बाल रूप में माता की गोद में बैठे हैं।

अंजनी नंदन हनुमान की तरह अंजनी माता भी अष्ट सिद्धि नव निधि की दाता है। बच्चों एवं स्त्रियों पर माता की विशेष कृपा होती है। माता के नाम का धागा (तांती) बाँधने से कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।

वैवाहिक जोड़े यहाँ आकर अपने वैवाहिक जीवन की सफलता के लिए मन्नत मांगते हैं। मंगलवार, शनिवार एवं उजियाली चौदस माता के विशेष दिन हैं जिनमें माता की विशेष कृपा होती है।


मंदिर के पास में ही हनुमान जी की एक विशाल प्रतिमा बनी हुई है। यह प्रतिमा दूर से ही दिखाई दे जाती है।

अंजनी माता के मंदिर की स्थापना के सन्दर्भ में अगर बात की जाए तो पता चलता है कि किसी समय में पंडित जानकी प्रसाद पारीक बालाजी की सिद्ध पीठ में रामायण, भागवत एवं पुराण आदि सुनाया करते थे।

उस समय हनुमान भक्त मोहनदासजी की समाधि श्मशान में स्थित थी अतः डर की वजह से अन्य पुजारी समाधि स्थल पर नहीं आते थे। जानकी प्रसाद ने समाधि स्थल पर जाकर नियमित रूप से मोहनदासजी की पूजा अर्चना करना शुरू किया।

इसके बाद में मोहनदासजी की समाधि पर पूजा अर्चना एक परिपाटी बन गई जिसे इनकी मृत्यु के पश्चात इनके पुत्र पन्नाराम पारीक ने जारी रखा।

पन्नाराम पारीक ने वर्तमान मंदिर के स्थान पर कुटिया बनाकर वर्षों अंजनी माता की तपस्या की। सीकर नरेश कल्याण सिंह के राज में संवत 2020 की ज्येष्ठ बदी पंचमी के दिन राजघराने से आई हुई माता की मूर्ति प्रतिस्थापित की गई।

अंजनी माता मंदिर की मैप लोकेशन - Map Location of Anjani Mata Mandir



अंजनी माता मंदिर का वीडियो - Video of Anjani Mata Mandir



डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें क्योंकि इसे आपको केवल जागरूक करने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
Ramesh Sharma

नमस्ते! मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ और मेरी शैक्षिक योग्यता में M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS शामिल हैं। मुझे भारत की ऐतिहासिक धरोहरों और धार्मिक स्थलों को करीब से देखना, उनके पीछे छिपी कहानियों को जानना और प्रकृति की गोद में समय बिताना बेहद पसंद है। चाहे वह किला हो, महल, मंदिर, बावड़ी, छतरी, नदी, झरना, पहाड़ या झील, हर जगह मेरे लिए इतिहास और आस्था का अनमोल संगम है। इतिहास का विद्यार्थी होने की वजह से प्राचीन धरोहरों, स्थानीय संस्कृति और इतिहास के रहस्यों में मेरी गहरी रुचि है। मुझे खास आनंद तब आता है जब मैं कलियुग के देवता बाबा खाटू श्याम और उनकी पावन नगरी खाटू धाम से जुड़ी ज्ञानवर्धक और उपयोगी जानकारियाँ लोगों तक पहुँचा पाता हूँ। इसके साथ मुझे अलग-अलग एरिया के लोगों से मिलकर उनके जीवन, रहन-सहन, खान-पान, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानना भी अच्छा लगता है। साथ ही मैं कई विषयों के ऊपर कविताएँ भी लिखने का शौकीन हूँ। एक फार्मासिस्ट होने के नाते मुझे रोग, दवाइयाँ, जीवनशैली और हेल्थकेयर से संबंधित विषयों की भी अच्छी जानकारी है। अपनी शिक्षा और रुचियों से अर्जित ज्ञान को मैं ब्लॉग आर्टिकल्स और वीडियो के माध्यम से आप सभी तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 📩 किसी भी जानकारी या संपर्क के लिए आप मुझे यहाँ लिख

एक टिप्पणी भेजें

जय श्री श्याम !

और नया पुराने