बर्बरीक ने यहाँ दिया शीश का दान - Chulkana Dham Shyam Mandir

बर्बरीक ने यहाँ दिया शीश का दान - Chulkana Dham Shyam Mandir, इसमें चुलकाना धाम के इतिहास और बर्बरीक से इसके संबंध को विस्तार से बताया गया है।

Chulkana Dham Shyam Mandir

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चुलकाना धाम का सम्बन्ध सतयुग, त्रेता युग तथा द्वापर युग तीनों से जुड़ा है। इस गाँव का सम्बन्ध त्रेतायुग युग में महर्षि चुनकट और द्वापर युग में बर्बरीक से रहा है।

चुलकाना का इतिहास, Chulkana Ka Itihas


आज का चुलकाना ग्राम कभी एक सम्पन्न एवं समृद्धशाली नगर था और दूर दूर तक इसके व्यापारिक सम्बन्ध थे।

त्रेता युग में यहाँ के जंगल में एक तपस्वी महर्षि चुनकट (chunkat) का आश्रम था और थोड़ी दूरी पर चक्रवर्ती सम्राट चकवाबैन मांधाता (chakvabain mandhata) की राजधानी थी।

एक बार राजा ने यज्ञ और भंडारे का आयोजन किया और महर्षि चुनकट को आने का निमंत्रण भेजा। महर्षि ने अपने उपवास का हवाला देकर जाने से मना कर दिया। राजा ने इसे अपना अपमान समझकर महर्षि को युद्ध के लिए ललकारा।

महर्षि ने राजा को युद्ध ना करने के लिए समझाया। जब राजा नहीं माना तो उन्होंने राजा और उसकी सम्पूर्ण सेना को परास्त किया। राजा का घमंड टूट गया और उसने महर्षि से माफी मांगी।

चुलकाना नाम कैसे पड़ा?, Chulkana Naam Kaise Pada?


कहते हैं कि इन्हीं चुनकट ऋषि की कर्मभूमि होने के कारण इस गाँव का नाम चुलकाना पड़ा। इन्हीं चुनकट ऋषि को आज लकीसर बाबा के नाम से भी जाना जाता है।

बर्बरीक ने शीश का दान कहाँ दिया था?, Barbarik Ne Sheesh Ka Daan Kahan Diya Tha?


द्वापर युग में जब महाभारत का युद्ध हुआ था तब इसी भूमि पर घटोत्कच पुत्र बर्बरीक ने भगवान कृष्ण को अपना शीश दान कर दिया था।

घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक को महादेव की आराधना के फलस्वरूप तीन चमत्कारी बाण प्राप्त हुए थे। इन्हीं बाणों की वजह से इन्हें तीन बाण धारी कहा जाता है।

महाभारत के युद्ध में ये हारने वाले पक्ष का साथ देने के उद्देश्य से नीले घोड़े पर बैठकर कुरुक्षेत्र में आए। कई जगह इनके घोड़े का नाम लीला भी बताया जाता है और इसी वजह से इन्हें लीला के असवार की संज्ञा भी दी जाती है।

श्री कृष्ण ने ब्राह्मण का वेश बनाकर इनकी परीक्षा के स्वरूप एक बाण से पीपल के पेड़ के सभी पत्तों को छेदने के लिए कहा जिसे बर्बरीक ने पूरा कर दिया।

ब्राह्मण बने कृष्ण ने दान स्वरूप बर्बरीक से अपना शीश माँगा जिसे बर्बरीक ने दान कर दिया। कृष्ण ने बर्बरीक को कलियुग में अपने नाम से पूजे जाने का वरदान दिया।

चुलकाना में बर्बरीक द्वारा छेदा पीपल का पेड़, Chulkana Me Barbarik Dwara Chheda Gaya Peepal Ka Ped


चुलकाना धाम में मौजूद पीपल के पेड़ की तुलना महाभारत काल के उस पेड़ से की जाती है जिसके पत्तों को बर्बरीक ने छेद दिया था। इस पीपल पेड़ के पत्तों में आज भी छेद बताए जाते हैं।

चुलकाना के श्याम मंदिर का इतिहास, Chulkana Ke Shyam Mandir Ka Itihas


वर्ष 1989 में इस मंदिर के उद्धार हेतु श्री श्याम मंदिर सेवा समिति गठित की गई एवं यहाँ पर एक विशाल मंदिर का निर्माण करवाया गया। मंदिर में श्री श्याम के साथ विभिन्न देवताओं की मूर्तियाँ हैं।

यहाँ पर श्याम भक्त बाबा मनोहर दास जी की समाधि भी स्थित है। कहा जाता है कि बाबा मनोहर दास ने ही सबसे पहले श्याम बाबा की पूजा अर्चना की थी।

वैरागी परिवार की 18वीं पीढ़ी मंदिर की देख रेख में लगी हुई है। मंदिर में एक कुंड भी बनाया गया है।

चुलकाना के श्याम मंदिर के त्योहार, Chulkana Ke Shyam Mandir Ke Tyohar


चुलकाना धाम में फाल्गुन उत्सव, जन्म उत्सव सहित अन्य सभी त्योहारों का प्रबंध श्री श्याम मंदिर समिति करती है। श्याम बाबा के मंदिर में हर एकादशी को जागरण के साथ एकादशी व द्वादशी पर मेला लगता है।

फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी व द्वादशी को श्याम बाबा के दरबार में विशाल मेलों का आयोजन किया जाता है जिनमें दूर दराज से लाखों की तादाद में भक्तजन अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए आते हैं।

चुलकाना धाम में हर साल फाल्गुन मास की द्वादशी को विशाल मेले के दिन श्याम बाबा मंदिर में भक्तों द्वारा उनकी पालकी निकाली जाती है।

मेले वाले दिन श्रद्धालु समालखा से चुलकाना गाँव तक पैदल यात्रा करते हैं। रास्ते में जगह-जगह विशाल भंडारों का आयोजन किया जाता है।


रात में भक्तजन श्याम बाबा का जागरण व भजन संध्या करते हैं और सुबह बाबा श्याम के दर्शन करने के बाद मन्नत मांगते हैं।

ऐसा माना जाता है कि बाबा श्याम से मांगी जाने वाली मन्नत खाली नहीं जाती है। सच्चे मन से की जाने वाली पूजा को बाबा श्याम जरूर स्वीकारते हैं।

चुलकाना धाम श्याम मंदिर फोन नंबर, Chulkana Dham Shyam Mandir Phone Number


चुलकाना धाम श्याम मंदिर का मैनेजमेंट श्री श्याम मंदिर सेवा समिति द्वारा किया जाता है। मंदिर से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए आप श्री श्याम मंदिर सेवा समिति से संपर्क कर सकते हैं।

संपर्क पता - चुलकाना धाम श्याम मंदिर, तहसील समालखा, जिला पानीपत, हरियाणा 132101
फोन नंबर - 9354915740, 9813088488, 9813039995, 9812095652, 9416015572, 9416004404
वेबसाइट - chulkanakeshyam.com

चुलकाना धाम श्याम मंदिर दर्शन का समय, Chulkana Dham Shyam Mandir Darshan Ka Samay


दर्शन समय (ग्रीष्मकालीन): 7:00 पूर्वाह्न - 12:00 अपराह्न, 4:00 अपराह्न - 9:00 अपराह्न
दर्शन का समय (सर्दी): सुबह 7:00 - दोपहर 1:00 बजे, शाम 4:00 - रात 9:00 बजे

चुलकाना धाम श्याम मंदिर आरती का समय, Chulkana Dham Shyam Mandir Aarti Ka Samay


मंगला आरती : प्रातः 5:30 (गर्मी), प्रातः 5:30 (सर्दी)
श्रृंगार आरती : प्रातः 7:00 (गर्मी), प्रातः 8:00 (सर्दी)
राजभोग आरती : दोपहर 12:30 (गर्मी), दोपहर 12:30 (सर्दी)
संध्या आरती : शाम 7:30 (गर्मी), शाम 6:30 (सर्दी)
शयन आरती : रात्रि 9:00 (गर्मी), रात्रि 9:00 (सर्दी)

चुलकाना धाम में कहाँ रुकें, Chulkana Dham Me Kahan Thahre?


चुलकाना धाम में आने वाले सभी श्याम भक्तों के रहने के लिए श्री श्याम सेवा समिति द्वारा सभी सुख सुविधाओं से युक्त अतिथि गृह बनवाया गया है। इस अतिथि गृह का नाम श्री श्याम अतिथि गृह है जिसमें आने वाले श्रद्धालु रात को ठहर सकते हैं।

चुलकाना धाम कैसे जाएँ?, Chulkana Dham Kaise Jaye?


हरियाणा के पानीपत जिले में समालखा कस्बे से लगभग पाँच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है चुलकाना धाम। चुलकाना धाम के सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन समालखा और भोडवाल मजरी (Bhodwal Majri) है।

दिल्ली से चुलकाना धाम कितनी दूर है?, Delhi Se Chulkana Dham Kitni Door Hai?


दिल्ली से चुलकाना धाम की दूरी लगभग 70 किलोमीटर है।

श्याम बाबा चुलकाना धाम की मैप लोकेशन, Shyam Baba Chulkana Dham Ki Map Location



चुलकाना धाम श्याम मंदिर की फोटो, Chulkana Dham Shyam Mandir Ki Photo


Chulkana Dham Shyam Mandir 1

Chulkana Dham Shyam Mandir 2

Chulkana Dham Shyam Mandir 3

लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

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इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
Ramesh Sharma

My name is Ramesh Sharma. I am a registered pharmacist. I am a Pharmacy Professional having M Pharm (Pharmaceutics). I also have MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA and CHMS. Being a healthcare professional, I want to educate people so I write blog articles related to healthcare system. I am creator so I write articles and create videos on various topics such as physical, mental, social and spiritual health, lifestyle, eating habits, home remedies, diseases and medicines to provide health education to people for their healthy life. Usually, I travel at hidden historical heritages to feel the glory of our history. I also travel at various beautiful travel destinations to feel the beauty of nature.

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