खाटू मेले में कहाँ रखें जूते-चप्पल? - Khatu Shyam Ji Shoes Stand

खाटू मेले में कहाँ रखें जूते-चप्पल? - Khatu Shyam Ji Shoes Stand, इसमें खाटू लक्खी मेले के समय जूते, चप्पल रखने की जगहों के बारे में जानकारी दी गई है।

Khatu Shyam Ji Shoes Stand

खाटू लक्खी मेले में पूरे भारत से लाखों की संख्या में श्याम भक्त बाबा के दर्शन करने आ रहे हैं। वर्ष में एक बार फाल्गुन के महीने में भरने वाले मेले का सभी श्याम भक्तों को बड़ी बेसब्री से इन्तजार रहता है।

जैसा कि हम सभी को पता है कि किसी भी धार्मिक स्थल पर प्रवेश करने से पहले हम अपने जूते चप्पलों को उतार देते हैं और फिर इसमें प्रवेश करते हैं।

खाटू में भी बाबा श्याम के मंदिर परिसर में प्रवेश करने से पहले यही सब करना पड़ता है।

खाटूश्यामजी में कहाँ रखें जूते-चप्पल?, Where to keep shoes and slippers in Khatushyamji?


इस बार नई दर्शन व्यवस्था और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने खाटू कस्बे सहित मंदिर परिसर के आस-पास कई जगह नए जूते चप्पल-स्टेंडस की व्यवस्था की है।

सीकर जिला प्रशासन ने सभी श्याम भक्तों से आग्रह किया है कि वे अपने जूते चप्पलों को डोरी से बाँधकर इन स्टैंड्स पर रखें ताकि ये अलग-अलग नहीं हो और लौटने पर सही सलामत वापस मिल जाए।

इसके साथ ही रींगस से खाटू जाने वाले पदयात्रियों के जूते चप्पलों को रखने की व्यवस्था रींगस फ्लाईओवर के पास में की गई है। सभी भक्त अपने जूते चप्पलों को पदयात्रा करने से पहले किसी डोरी या रस्सी से बाँधकर इस जगह पर रख सकते हैं।

रींगस से खाटू निशान लेकर जाने वाले पदयात्रियों को सलाह दी गई है कि ये लोग रात के समय पैदल पथ के अलावा किसी भी दूसरे रास्ते से पैदल यात्रा ना करें ताकि किसी भी तरह की कोई अप्रिय घटना से बचा जा सके।

दिव्यांगों और वृद्धजनों के दर्शनों लिए नि:शुल्क ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था, Arrangement of free online registration for divyangs and old people


इसके साथ ही मंदिर प्रशासन ने दिव्यांगों और वृद्धजनों के लिए एक नई शुरुआत करते हुए इन लोगों को बाबा श्याम के सुगम दर्शन करवाने के लिए मंदिर के गेट पर गोल्फ कार की व्यवस्था की गई है।

जैसा कि आपको पता ही है कि इस बार बाबा श्याम मेले में दिव्यांगों और वृद्धजनों के दर्शनों लिए निशुल्क ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है। इसके लिए एक पोर्टल बनाया गया है जिस पर दर्शन के लिए फ्री रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है।

लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

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डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
Ramesh Sharma

My name is Ramesh Sharma. I love to see old historical monuments closely, learn about their history and stay close to nature. Whenever I get a chance, I leave home to meet them. The monuments that I like to see include ancient forts, palaces, stepwells, temples, chhatris, mountains, lakes, rivers etc. I also share with you the monuments that I see through blogs and videos so that you can also benefit a little from my experience.

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